देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा गत आठ नवम्बर की शाम सात बजे एक अहम घोषणा की गई कि कुछ घंटों के बाद देश की मुद्रा ५०० एवं १००० के नोट प्रचलन से बाहर हो जाएगा । ऐसा करने का मकसद कालेधन , आतंकवादी के फंड , नारकोटिक्स , लैन्ड माफिया एव तमाम वैसे लोग जो भ्रष्टाचार मे लिप्त होकर अकुत धन बनाया है पर प्रहार करना है । फैसला बड़ा था लोगों मे अफरातफरी का माहौल बना फिर भी लोग फैसले के साथ खड़े दिखाई दिए । पर पता नहीं कुछ राजनीतिक दल जो विपक्ष मे है क्यों इस मुद्दे को निजी बना ली । खुलकर इस अहम फैसले का विरोध करने लगे है । अब आमलोगों के मन मे कुछ ऐसे सवाल भी उठ रहे है कि आखिर विपक्ष इस फैसले का विरोध क्यों कर रही है ? आज हम आपको बताते है कि विपक्ष ऐसा क्यों कर रहीं है ? याद किजिए विरोध करने वालो मे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक दल कांग्रेस भी शामिल है । जिसनें हमारे देश मे तकरीबन साठ सालों तक सत्ता का सुखभोग किया है । और ऐसा कोई भी साल नही हुआ जिसमें कोई बड़ा घोटाला न हुआ हो । जाहिर सी बात है साठ सालों की जमा पुंजी ( कालाधन ) जो जमा किया गया था वह बेकार होने का दर्द तो होगा ही । दुसरी पार्टी ममता बनर्जी की है , जो ईस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है । तो याद किजिए कुछ समय पहले शारदा चिटफन्ड घोटाला जिसमे आम गरीब लोगों की पैसा जमा करवाया गया था । लोग जीवन भर की कमाई जमा करा दिया किसी ने यह सोच कर जमा करवाया की बेटी की शादी मे , किसी ने बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए पैसे जमा करवाया था । लेकिन चिटफन्ड कम्पनी गरीबों की पैसा लेकर गायब हो गया जो कई हजार कड़ोड़ था । ईस घोटाले के वजह से सैकड़ों गरीबों ने आत्महत्या कर ली । बाद मे ममता बनर्जी का नाम इस घोटाले मे आया जिनके उपर आज भी कलकत्ता हाईकोर्ट मे मामला है । तो इनका भी हजारों करोड़ बेकार हुआ तो दर्द होगा ही । अब केजरीवाल पर आते है कि जो शख़्स पाकिस्तान मिडिया मे हिरो बना हो तो उसे हो सकता है पाकिस्तान से फन्ड हजारों करोड़ का मिला हो । जब ये हजारों करोड़ बेकार हो गये तो दर्द होगा ही । अब युपी मे आईए अखिलेश यादव के परिवार मे जो पिछले कुछ दिनों से महाभारत हो रहा था वह क्या था । शायद कालेधन मे अपने अपने हिस्से के लिए लड़ रहे थे । पर जब यह बेकार हो गया तो एकजुट होकर इसे बचाने का प्रयास कर रहे है । जो अब दिख रहा है । मायावती भी इसमें कही पिछे नही है । पिछले छ: महिने से देखे तो ईनके दल को छोड़कर जानेवाले सभी लोगों ने आरोप लगाया था कि मायावती टिकट के लिए पैसे मांगती है । तो जाहिर सी बात है कि शायद कालाधन जमा हुआ होगा और बेकार होने पर दर्द तो होगा ही।
Voice of Bihar
Friday, November 25, 2016
Thursday, September 29, 2016
जवाब - शहादत और सियासत का
भारतीय फौज ने जिस तरह से पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर जाकर सर्जीकल स्ट्राइक किया पाकिस्तान को एक सख्त जवाब मिल गया | साथ ही उनलोगों की बोलती बंद हो गई जिन्होंने उड़ी हमले में शहीद होनेवाले जवानों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के बजाय इस दुखद घटना को नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के सुनहरे अवसर के रुप मे लिया था |
उड़ी हमले के बाद कुछ लोगों ने बडी भाषणबाजी
की , ये वही लोग थे जिनका अपना कोई नाते - रिश्तेदार या फिर दुर दुर तक के नाते - रिश्तेदार सेना मे नही होता है | ये वही लोग है जो अपने बच्चों को दस बीस कमाण्डो के बीच सुरक्षित क्षेत्रों मे रखते है | ये क्या समझेंगे शहीदों के सम्मान को |
खैर जो भी हुआ दस दिनों के बाद ही सही सेना ने अपने उपर हुए हमले का जवाब अपने तरीके से दे दिया | आज देशवासियों को खुशी है , उनका सर गर्व से उचाँ हो गया है | और आज प्रत्येक भारतीय ताल ठोंक के कह रहा है की - हाँ मेरी छाती छप्पन ईचँ की है |